जिले में उर्वरकों की कालाबाजारी रोकने के लिए की जा रही कड़ी कार्रवाई

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राजनांदगांव। कलेक्टर सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे के निर्देशानुसार शासन द्वारा निर्धारित दर पर खरीफ 2025 में जिले के सभी श्रेणी के कृषकों को निजी तथा सहकारी संस्थाओं से उर्वरकों के विक्रय एवं निजी संस्थाओं द्वारा अवैधानिक रूप से उर्वरकों की कालाबाजारी जैसी गतिविधियों को रोकने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। आदेश के परिपालन में कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा संस्थाओं में मूल्य दर, स्टॉक पंजी, पीओएस मशीन को अद्यतन कराने कृषकों द्वारा आवश्यकतानुसार खाद का क्रय सुनिश्चित करने जिला स्तरीय निगरानी के लिए अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है।
उप संचालक कृषि टीकम सिंह ठाकुर ने बताया कि निरीक्षण के दौरान किसी भी प्रकार की अनियमितता पाये जाने पर उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जा रही है। जिसके तहत राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम हरदी में मेसर्स जय अम्बे उन्नत कृषि केन्द्र प्रोपराईटर सुरेश द्वारा प्रोम खाद को डीएपी के नाम से 1550 रूपए प्रति बोरी में विक्रय किया जा रहा था एवं मेसर्स द्वारा पंजी संधारण तथा कृषकों को बिल नहीं दिया जा रहा है। इस प्रकार विक्रय परिसर में पाये गये पुष्कर कंपनी का एसएसपी पाउडर 5.05 टन, एसएसपी दानेदार 4.3 टन, खेतान कंपनी का एसएसपी दानेदार 1 बोरी, कृभको यूरिया 7.425 टन एवं इंदु फर्टिलाईजर्स का प्रोम 14 बोरी का जप्ती कर सुपुर्दगी में दिया गया। इसी क्रम में राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम भंवरमरा में देवानंद सिन्हा के घर पर औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि कृषक के घर पर 27 बोरी यूरिया एवं 14 बोरी अमोनियम सल्फेट बरामद किया। उर्वरक कृषक द्वारा इफको बाजार मंडी परिसर राजनांदगांव से खरीदा गया है। जिसे कृषक द्वारा बिना लाईसेंस के विक्रय करते हुए पाया गया। उर्वरक की जप्ती कर सुपुर्दगी किया गया। प्रकरण उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के निहित प्रावधानों के तहत प्रकरण को कलेक्टर राजनांदगांव को प्रस्तुत किया गया है।