मांग पूरी नहीं हुई तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे रसोइया और सफाई कर्मचारी

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राजनांदगांव। राज्य के प्राथमिक और मिडिल स्कूलों में काम करने वाले मध्यान्ह भोजन रसोइयों और स्कूल सफाई कर्मचारियों ने तीन दिवसीय हड़ताल के बाद सरकार को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि यदि सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं तो वे जल्द ही अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू करेंगे।
रसोइयों की मांग है कि उन्हें कलेक्टर दर पर वेतन दिया जाए, साथ ही उनकी नौकरी का नियमितीकरण और अन्य सरकारी कर्मचारियों की तरह लाभ भी मिले। इस आंदोलन को छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त कर्मचारी मोर्चा और छत्तीसगढ़ जागरूक शिक्षक संघ का भी समर्थन मिल रहा है।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष जाकेश साहू ने कहा कि यह कर्मचारी पिछले 20-25 वर्षों से बेहद कम मानदेय में काम कर रहे हैं। वर्तमान में रसोइयों को केवल 2000 रूपये और सफाई कर्मचारियों को 3000 रूपये तक की मासिक राशि मिलती है। आज के समय में जब एक परिवार का मासिक खर्च 8000 रूपये से 10000 रूपये के बीच है, ऐसे में इतने कम वेतन में गुजारा करना असंभव है।
संयुक्त बयान में उठी मांगें : रसोइयों और सफाई कर्मचारियों को कलेक्टर दर पर वेतन, नियमितीकरण की प्रक्रिया जल्द शुरू हो, सामाजिक सुरक्षा लाभ (पीएफ, बीमा, पेंशन) भी दिए जाएं, सम्मानजनक वेतन देकर मनोबल बढ़ाया जाए।
शिक्षकों के साथ-साथ रसोइया और सफाई कर्मचारी भी शिक्षा विभाग की रीढ़ हैं। एक ओर शिक्षक ज्ञान बांटते हैं, वहीं रसोइये बच्चों के लिए गरम और पौष्टिक भोजन बनाते है, जबकि सफाई कर्मचारी स्कूल की स्वच्छता बनाए रखते हैं। ये तीनों ही एक-दूसरे के पूरक हैं।
संघ के अन्य पदाधिकारियों बीरेंद्र साहू, भोजराम साहू, शिवकुमार साहू, नरेंद्र तिवारी, रेखा पुजारी, मनीषा मिंज, हीरालाल विश्वकर्मा सहित 50 से अधिक सदस्यों ने संयुक्त रूप से मांग की है कि सरकार जल्द से जल्द इस मुद्दे पर निर्णय ले, ताकि ये कर्मचारी भी सम्मानपूर्वक जीवन यापन कर सकें।
अगर मांगे नहीं मानी गईं तो आने वाले समय में रसोइया और सफाई कर्मचारी आंदोलन को और तेज करेंगे।