कैसे रुकेगा हादसा: वाहनों की फिटनेस टेस्ट की जिम्मेदारी गैर तकनीकी निरीक्षकों के हाथों में

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तकनीकी परिवहन निरीक्षकों को चेकपोस्ट और फ्लाइंग में लगाया

वाहनों की फिटनेस जांच में संलिप्त कंपनी के कामों मे झोल

राजनांदगांव। (नांदगांव टाइम्स) प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों ने सरकार के माथे में चिंता की लकीरें खींच दी है। सड़क दुर्घटनाओं को रोकने कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन दुर्घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। दुर्घटनाएं होने का मुख्य कारण वाहनों की फिटनेस टेस्ट सहीं तरीके से नहीं होना है। परिवहन कार्यालयों में, आटोमेटेड फिटनेस सेंटरों में तकनीकी परिवहन निरीक्षकों की कमी महसूस की जा रही है। जो तकनीकी निरीक्षक हैं, वे लेनदेन कर चेक पोस्ट और फ्लाइंग में अपनी सीट सुनिश्चित कर ली है। इसके चलते वाहनों की फिटनेस जांच सही तरीके से नहीं हो पा रही है। परिवहन कार्यालयों और आटोमेटेड फिटनेस सेंटरों में वाहनों की फिटनेस टेस्ट की जिम्मेदारी गैर तकनीकी निरीक्षकों के हाथों में हैं। जिसके चलते दुर्घटनांए तेजी से बढ़ रही है। इसके जानकारी विभागीय अधिकारियों को भी हैं,लेकिन इस संबंध में विभागीय अधिकारियों के हाथ भी बंधे हुए नजर आ रहे हैं। क्योंकि तकनीकी परिवहन निरीक्षकों ने चेकपोस्टों व फ्लाइंग में अपनी पोस्टिंग करा ली है।

पोस्टिंग में लेनदेन, चेक पोस्टों में कुंडली मार बैठे

छत्तीसगढ़ में कुल 17 चेक पोस्ट हैं, जहां तकनीकी परिवहन निरीक्षक कुंडली मारकर बैठे हुए हैं। प्रदेश में कुल 35 तकनीकी परिवहन निरीक्षक हैं, जिसमें 20 निरीक्षक चेक पोस्ट और फ्लाइंग में कार्यरत हैं। चेक पोस्टों में पोस्टिंग में लंबा लेने देन चला है। तकनीकी निरीक्षकों को परिवहन कार्यालयों के बजाय चेक पोस्टों और फ्लाइंग में भेजने के बाद विभाग पर कई सवाल उठ रहे हैं। लेकिन विभागीय अधिकारी इस संबंध में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।

वाहनों की औपचारिक जांच

प्रदेश के परिवहन कार्यालयों में वाहनोें की जांच में केवल औपचारिकता निभाई जा रही है। क्योंकि वाहनों की फिटनेस जांच की जिम्मेदारी गैर तकनीकी निरीक्षकों ने संभाल रखी है। छत्तीसगढ़ के विभिन्न क्षेत्रीय-जिला परिवहन कार्यालयों मे वाहनों की फिटनेस, पंजीयन से पूर्व वाहन का परीक्षण और ड्राइविंग लाइसेंस देने से पूर्व टेस्टिंग के लिए तकनीकी योग्यता वाले निरीक्षकों की आवश्यकता होती है। बीते कई वर्षों से नियुक्त परिवहन निरीक्षकों- उपनिरीक्षकों(तकनीकी) की भर्ती के पश्चात उनकी पदस्थापना परिवहन चेकपोस्ट और उड़नदस्ता में करने के कारण परिवहन कार्यालयों में वाहनों की फिटनेस जांच प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुई है।

परिवहन अधिकारियों का क्या है कहना

इस मामले में जब हमारे संवाददाता ने परिवहन आयुक्त डी. रविशंकर से बातचीत की तो उनका कहना है कि वाहनों के फ़िटनेस के लिए शासन ने कंपनी से अनुबंध किया है जिसके कारण तकनीकी निरीक्षक/उपनिरीक्षकों को अन्य कार्यों में संलग्न किया गया।