खरीफ का आधा सीजन बीत जाने के बाद भी यूरिया संकट बरकरार

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राजनांदगांव। जिले के किसानों के लिए खरीफ सीजन का आधा समय बीत जाने के बावजूद भी यूरिया की किल्लत दूर नहीं हो पा रही है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए आम आदमी पार्टी के लोकसभा अध्यक्ष भूपेश तिवारी ने किसानों की समस्याओं को लेकर जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा और तत्काल यूरिया की कमी दूर करने की मांग की।
भूपेश तिवारी ने ज्ञापन में कहा कि खरीफ का यह समय किसानों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है। बारिश के मौसम में धान सहित अन्य खरीफ फसलों की बढ़त और उत्पादन यूरिया पर काफी हद तक निर्भर करता है। बावजूद इसके, प्रदेश में यूरिया की भारी कमी बनी हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि कृषि विभाग इस संकट से निपटने के लिए कोई ठोस कार्ययोजना नहीं बना पाया है।
उन्होंने आगे कहा कि आधा सीजन बीत चुका है, मगर किसानों को जरूरत के हिसाब से मात्र आधी मात्रा में ही यूरिया उपलब्ध हो पा रही है। इस वजह से किसान अपनी फसलों को बचाने के लिए परेशान हैं। कई जगहों पर निराश होकर किसानों ने आत्महत्या की कोशिश तक की है। वहीं, खुलेआम कालाबाजारी और मुनाफाखोरी भी बढ़ती जा रही है, जिससे हालात और गंभीर होते जा रहे हैं।
भूपेश तिवारी ने मांग की कि शासन-प्रशासन तत्काल ठोस कदम उठाकर जिले और प्रदेशभर में यूरिया की उपलब्धता सुनिश्चित करे। उन्होंने कृषि मंत्री और जिम्मेदार विभागों से कहा कि किसानों की बदहाल स्थिति को देखते हुए जिम्मेदारी से काम करें और इस संकट को दूर करने में तत्परता दिखाएं।
इसी कड़ी में आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ सदस्य कमलेश स्वर्णकार ने भी प्रदेश सरकार को किसान विरोधी बताते हुए तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि जनता ने सरकार को बहुमत देकर सत्ता सौंपी थी, लेकिन यह सरकार किसानों की समस्याओं के समाधान में विफल रही है। स्वर्णकार ने आरोप लगाया कि सरकार किसानों और आम जनता को राहत देने के बजाय शराब बिक्री पर ध्यान दे रही है और अपनी तिजोरी भरने में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि यह सरकार अब जनता की उम्मीदों पर खरी उतरने के बजाय छलावा करने वाली सरकार बन गई है।
इस अवसर पर आम आदमी पार्टी के कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे, जिनमें मुख्य रूप से प्रभांशु खोब्रागढ़े, राजेन्द्र सोनी, सर्वजीत सिंह भाटिया, अशोक चौबे, आरिफ खान, ऋषि मिश्रा और राजीव यादव शामिल थे। सभी ने एक सुर में मांग की कि किसानों के हित में तुरंत ठोस कदम उठाए जाएं, अन्यथा आम आदमी पार्टी किसानों के साथ सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगी।