राजनांदगांव। महापौर मधुसूदन यादव ने कांग्रेसी नेता राहुल गांधी द्वारा लगाये गये वोट-चोरी के आरोपों को निराधार, मनगढ़ंत एव भ्रामक दुष्प्रचार करार देते हुए कांग्रेस पार्टी से मांग की है कि वो राहुल गांधी के स्वहस्ताक्षरित घोषणापत्र के साथ चुनाव आयोग के समक्ष वोट-चोरी के साक्ष्य प्रस्तुत करे वर्ना देश की जनता से झूठ बोलने के लिये माफी मांग लें, अन्यथा वो बच नहीं सकते हैं, उन्हें वोट-चोरी का सफेद झूठ बोलने के लिये माननीय न्यायालय से जमानत लेनी पड़ सकती है। महापौर मधुसूदन ने दावा किया है कि छत्तीसगढ़ प्रदेश मंे पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के जंगलराज मंे पॉच सालों तक चॉवल चोर, शराब चोर, कोयला चोर, नौकरी चोर रहे, घोटालेबाज कांग्रेसी नेतागण एवं उनके साथ भ्रष्टाचार में शामिल रहे कई तात्कालीन अधिकारीगण जो आज भी जेल में बंद हैं, वो सभी अपनी चोरी के कारण छत्तीसगढ़ की सत्ता गवॉने के बावजूद, अब भाजपा के सुशासन में शोर मचा रहे हैं।
प्रदेश में भजपा की सरकार बनते ही, भ्रष्ट कांग्रेस पार्टी अब उल्टे सत्तासीन भाजपा पार्टी पर वोट-चोरी का तथ्यहीन, काल्पनिक एवं जनता को दिग्भ्रिमित करने वाला आरोप लगा रही है। पूरे देश में लुप्त होते जनाधार से चिंतित एवं राजनीतिक जमीन तलाश रही मुद्दाविहीन कांग्रेस पार्टी एवं इंडी गठबंधन द्वारा अब जनाधार जुटाने के लिये वोट चोरी के भ्रामक दुष्प्रचार को महाराष्ट्र, कर्नाटक एवं बिहार राज्य में प्रारंभ किया गया था, जहॉ उनके वोट चोरी के दावे केवल खोखले साबित हुए हैं।
महापौर ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस एवं इंडी गठबंधन द्वारा वोट चोरी के नाम पर फुलाया जा रहे गुब्बारे की हवा पहले ही तीन बार निकल चुकी है, पहला जब सर्वाेच्च न्यायालय ने 28 जुलाई 2025 को बिहार में मतदाता सत्यापन (ड्राफ्ट वोटर लिस्ट) पर रोक लगाने संबंधी विपक्ष कि मांग को अस्वीकृत कर दिया।
दूसरा जब महाराष्ट्र में मतदाता सूची में विसंगतियों के आंकड़े जारी करने वाली संस्था सीएसडीएस ने अपने गलत आंकड़े सोशल मीडिया से 60 घंटे के भीतर वापस ले लिए और सार्वजनिक रूप से माफी मांग ली।
तीसरा जब बिहार एवं कर्नाटक में विपक्ष ने महिलाओं के नाम लेकर ‘‘डबल वोट‘‘ या ‘‘नाम काटने‘‘ के झूठे आरोप लगाये, जिन्हें बाद मे उन्हीं महिलाओं ने खारिज किया। कर्नाटक, महाराष्ट्र एवं हरियाणा राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने राहुल गांधी को नोटिस भेजकर वोट चोरी के संबंध में हस्ताक्षरित घोषणा पत्र के साथ साक्ष्य आहूत किए हैं।
महापौर मधुसूदन यादव ने यह भी कहा है कि देश में प्रत्येक चुनाव से पहले चुनाव आयोग एक तयशुदा गाईडलाईन एव प्रोटोकॉल के तहत कार्य करता हैं, जिसमें मतदान की तैयारी के समय मान्यता प्राप्त दलों की बैठक एवं जानकारी साझा करना, आदर्श आचरण संहिता की जानकारी देना, मतदान वर्ष में निर्वाचक नामावली का पुनरीक्षण कर शुद्ध करना, मतदाता फोटो पहचान पत्र शतप्रतिशत तैयार करना, निर्वाचन की प्रक्रीया में उम्मीदवार के अभिकर्ता को संपूर्ण प्रक्रीया सहित, मतदान, मतगणना में उपस्थित कराना, अभ्यर्थी को अपना मतदान अभिकर्ता की नियुक्ति का अधिकार देना, मतगणना के समय गणन अभिकर्ता की नियुक्ति का प्रावधान, मतदान के समय मतदान अभिकर्ता को मतदाता के संबंध में आक्षेप करने का अधिकार, मतदान पश्चात मतदान अभिकर्ता को मतदान की संख्या पर्ची प्रदाय करना, निर्वाचन संबंधी सभी आंकडों का प्रकाशन एवं प्रत्येक जानकारी साझा करना आदि सभी प्रक्रिया पूर्ण पारदर्शिता एवं निष्पक्षता से होती है। ऐसे में वोट चोरी का आरोप लगाकर कांग्रेस अपने ही कार्यकर्ताओं की विश्वसनीयता पर प्रश्न चिन्ह लगा रही है और उन्हें वोट चोर के रूप मे कटघरे में खड़ा कर रही है।
पूर्व सांसद मधुसूदन ने कहा है कि यदि कोई चुनाव लड़ने वाला प्रत्याशी चुनाव के समय अपने कार्यकर्ताओं को पोलिंग एजेन्ट नियुक्त करता है और बाद अपनी हार छुपाने के लिये वोट-चोरी का झूठा आरोप लगाता हैं तो वह अपने चुनावी कार्यकर्ताओं एवं पोलिंग बूथ एजेन्टों को भी चोर मान रहा है, और उनका तथा मतदाताओं का अपमान कर रहा है।