खैरागढ़। छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के 16,500 से अधिक संविदा कर्मचारियों की निगाहें सोमवार को होने वाली कैबिनेट बैठक पर टिकी हैं। बीते दिनों 33 दिनों की अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहे इन कर्मचारियों को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने मांगों पर सहमति देते हुए तत्कालीन कार्यवाही शून्य करने और बहाली का आश्वासन दिया था। लेकिन 10 दिन बीतने के बावजूद 6 प्रमुख मांगों पर कोई ठोस सरकारी आदेश जारी नहीं हुआ है, जिससे कर्मचारियों में भारी असंतोष है।
त्योहारी सीजन में “बोनस” की जगह वेतन कटौती!
जहां एक ओर त्यौहारी मौसम में कई सरकारी व निजी संस्थानों में बोनस व लाभांश बांटे जा रहे हैं, वहीं एनएचएम कर्मचारियों के हिस्से आया है 33 दिनों की हड़ताल अवधि का वेतन कटौती आदेश। इससे कर्मचारी मायूस हैं। संगठन का कहना है कि “हमने आंदोलन को सरकार के आग्रह पर स्थगित किया, लेकिन बदले में हमें आर्थिक दंड मिला।”
बर्खास्त 25 पदाधिकारियों की बहाली पर भी निर्णय लंबित
प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित मिरी ने बताया कि “आदरणीय मुख्यमंत्री जी ने स्वयं 25 बर्खास्त कर्मचारियों की बहाली को कैबिनेट में रखने का आश्वासन दिया था। आज की कैबिनेट बैठक से हमें सिर्फ आशा नहीं, पूर्ण विश्वास है कि बहाली और लंबित मांगों पर निर्णय होगा।”
क्या थीं वो 10 प्रमुख मांगे जिनके लिए हुआ था आंदोलन?
एनएचएम का स्वास्थ्य विभाग में संविलियन
नियमितीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ करना
अन्य विभागों की तरह ग्रेड पे लागू करना
2023 से लंबित 27% वेतन वृद्धि लागू करना
सी.आर. प्रणाली में पारदर्शिता लाना
एक माह का सवैतनिक दुर्घटना अवकाश (आदेश जारी)
स्थानांतरण नीति लागू करना
अनुकम्पा नियुक्ति का स्पष्ट प्रावधान
पब्लिक हेल्थ कैडर का निर्माण
कैशलेस स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ देना
सरकार से भरोसा, लेकिन धैर्य की परीक्षा लम्बी
एनएचएम कर्मचारी संघ ने राज्य सरकार से कई दौर की वार्ता के बाद हड़ताल समाप्त की थी। प्रतिनिधिमंडल की मुख्यमंत्री से भेंट के दौरान मिले आश्वासनों के बावजूद अब तक अपेक्षित आदेश नहीं आ सके हैं।
“आप सभी हमारे बच्चे हैं” – मुख्यमंत्री का भावनात्मक बयान अब फैसले की प्रतीक्षा में
हड़ताल के समय मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों को आश्वस्त करते हुए कहा था कि, “आप सभी हमारे बच्चे हैं, हमारी सरकार किसी के साथ अन्याय नहीं करेगी।” अब कर्मचारी यही सवाल पूछ रहे हैं कि क्या यह भावनात्मक वचन कैबिनेट की मुहर भी पाएगा या फिर उम्मीदें फिर टल जाएंगी?
16500 परिवारों के लिए सरकार का “त्योहार गिफ्ट” तय करेगी तस्वीर
आज की कैबिनेट बैठक में यदि बर्खास्त कर्मचारियों की बहाली, वेतन कटौती आदेश की वापसी और लंबित मांगों पर निर्णय नहीं होता, तो यह आंदोलन एक बार फिर तेज़ हो सकता है।