राजनांदगांव। श्रीमांशारदेय नवरात्रि महापर्व के महाअष्टमी दिवस पर मंगलवार, 30 सितंबर को शासकीय क्षेत्रीय मुद्रणालय, राजनांदगांव में परंपरागत रूप से मां दुर्गा का विशेष पूजन-अर्चन किया गया। वर्षों पुरानी परंपरा के तहत इस अवसर पर मुद्रणालय की मशीनों को भी मां शक्ति का स्वरूप मानते हुए विधिवत पूजन कर उनसे निरंतर कार्यसिद्धि और कल्याण की प्रार्थना की गई।
पूजन कार्यक्रम में सहायक संचालक नकुल धु्रव, छत्तीसगढ़ शासकीय मुद्रणालय कर्मचारी संघ के दुर्ग संभागीय अध्यक्ष एवं विभागीय उपसमिति के जिला संयोजक आनन्दकुमार श्रीवास्तव विशेष रूप से उपस्थित रहे। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजन कर्म श्रद्धेय पं. मोनू शुक्ला के सान्निध्य में संपन्न हुआ।
विभागीय उप समिति के सदस्य यशवंत टोप्पो ने जानकारी देते हुए बताया कि यह ऐतिहासिक परंपरा 1950 के दशक से चली आ रही है। जब मुद्रणालय का भवन लालबाग के सामने राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित था, तभी से यह परंपरा हर वर्ष महाअष्टमी पर पूरी आस्था के साथ निभाई जा रही है। कल-कारखानों में स्थापित यंत्रों को शक्ति का प्रतीक मानकर उनका पूजन करने की यह परंपरा अब भी जीवंत है।
हवन और पूजन के दौरान सर्वे भवन्तु सुखिनरू, सर्वे संतु निरामयाः…जैसे वैदिक श्लोकों के साथ राष्ट्र, समाज और समस्त जीवों के कल्याण की कामना की गई। गौमाता की रक्षा, सद्भावना और धर्म की स्थापना के लिए विशेष प्रार्थनाएं की गईं।
पूजन उपरांत हलुआ, पुरी, चना साग और खिचड़ी के भंडारे का आयोजन किया गया। महाप्रसादी वितरण में मुद्रणालय के सभी अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे और सामूहिक रूप से इस धार्मिक आयोजन का लाभ उठाया।
इस आयोजन ने न केवल कार्यस्थल को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया, बल्कि कर्मचारियों में एकता, श्रद्धा और परंपरा के प्रति सम्मान की भावना को भी मजबूत किया।
शासकीय मुद्रणालय में महाअष्टमी पर मां दुर्गा की आराधना, मशीनों का पूजन कर मांगा सुख-समृद्धि का आशीर्वाद
