खेत में मधुमक्खियों का कहर : दो की मौत, पांच घायल, गांव में पसरा मातम

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राजनांदगांव। शनिवार की सुबह बजरंगपुर-नवागांव क्षेत्र में उस वक्त हड़कंप मच गया जब खेत में काम कर रहे ग्रामीणों पर अचानक मधुमक्खियों के झुंड ने हमला बोल दिया। इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि पांच अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना से पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, शनिवार सुबह करीब 9 बजे बजरंगपुर निवासी पांच महिलाएं और दो पुरुष, गांव के जिंदल साहू के खेत में काम कर रहे थे। खेत में काम के दौरान जब महिलाएं नाश्ता करने लगीं, तभी अचानक मधुमक्खियों के एक बड़े झुंड ने उन पर हमला कर दिया। देखते ही देखते चीख-पुकार मच गई और सभी लोग जान बचाकर भागने लगे।

इस हमले में शिव यदु और सुशीला देवांगन की जान चली गई, जबकि माया डोंगरे, सुमित्रा साहू, सुनीता यादव, पार्वती साहू और शिव यदु का बेटा गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। सभी घायलों को तत्काल जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां उनका इलाज जारी है। डॉक्टरों के अनुसार घायलों की हालत अब स्थिर बताई जा रही है।

हृदय विदारक है यह मंजर
बताया गया कि हमले के बाद महिलाएं अपना सामान खेत में ही छोड़कर भाग गई थीं। कुछ देर बाद सुनीता यादव का सामान लेने शिव यदु अपने बेटे के साथ खेत में वापस गया। हमले की आशंका को देखते हुए वह अपने साथ कंबल लेकर गया था ताकि बचाव हो सके। लेकिन मधुमक्खियों के पुनः हमले में वह और उसका बेटा फिर से चपेट में आ गए। बेटे को बचाने के लिए शिव ने उसे कंबल ओढ़ा दिया, लेकिन खुद बुरी तरह जख्मी हो गया।

डॉक्टरों ने दी जानकारी
मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के प्रभारी डॉ. पवन जेठानी ने बताया कि “हमले में चार लोग अस्पताल लाए गए थे, जिनमें से दो की मौत हो गई है। बाकी दो का इलाज जारी है।” उन्होंने बताया कि मधुमक्खियों के डंक में मौजूद विष शरीर में तेज प्रतिक्रिया करता है, जिससे एलर्जी, सांस की तकलीफ और रक्तचाप गिरने जैसी स्थिति बनती है, जो कभी-कभी जानलेवा भी हो सकती है।

गांव में पसरा मातम
इस दर्दनाक हादसे के बाद गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। चिखली पुलिस चौकी क्षेत्र में दर्ज इस मामले को लेकर प्रशासन द्वारा सावधानी बरतने और लोगों को सचेत रहने की अपील की जा रही है।

विशेषज्ञों की सलाह
विशेषज्ञों का कहना है कि मधुमक्खियों से बचाव के लिए खेतों में काम करते समय सतर्कता जरूरी है। मधुमक्खियों का छत्ता दिखे तो उसके आसपास कोई हलचल न करें और तुरंत सुरक्षित स्थान की ओर चले जाएं। बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है।