अभाविप की नगरीय कार्यकारिणी घोषित, अक्षत श्रीवास्तव फिर बने नगर मंत्री

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राजनांदगांव। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) की राजनांदगांव इकाई की नवीन नगरीय कार्यकारिणी की घोषणा उत्साहपूर्वक की गई। कार्यकारिणी की घोषणा के साथ ही कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा, जोश और संगठन के प्रति समर्पण का भाव देखने को मिला।
नगर मंत्री के रूप में अक्षत श्रीवास्तव को पुनः जिम्मेदारी सौंपी गई है, जबकि निकिता श्रीरंगे, प्रतीक गढ़वाल और भूपेंद्र पाल को नगर सहमंत्री नियुक्त किया गया। इस अवसर पर कार्यकर्ताओं में उत्साह देखते ही बनता था।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से प्रांत सह मंत्री अमन नामदेव, प्रांत साविष्कार सह प्रमुख चांदना श्रीवास्तव, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य धनंजय पांडेय और जिला संयोजक जीत प्रजापति उपस्थित रहे। संचालन नगर सहमंत्री निकिता श्रीरंगें ने किया।
नगर मंत्री अक्षत श्रीवास्तव ने अपने उद्बोधन में कहा कि, अभाविप केवल एक छात्र संगठन नहीं, बल्कि एक विचार है, जो विद्यार्थियों में राष्ट्रभाव, सेवा और नेतृत्व की भावना को जागृत करता है। हमने बीते सत्र में कई शैक्षणिक और सामाजिक गतिविधियों का सफल आयोजन किया है, और आगे भी पूरी ऊर्जा के साथ विद्यार्थी हित में कार्य करेंगे।
प्रांत सह मंत्री अमन नामदेव ने नई कार्यकारिणी को बधाई देते हुए कहा कि, अभाविप विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास का सशक्त माध्यम है। संगठन नई पीढ़ी को संस्कारित नेतृत्व प्रदान करता है। राजनांदगांव नगर की यह नई टीम संगठन के कार्यों को नई दिशा देगी।
प्रांत साविष्कार सह प्रमुख चांदना श्रीवास्तव ने कहा कि, अभाविप युवाओं के व्यक्तित्व विकास, नेतृत्व क्षमता और सेवा भावना को निखारने वाला मंच है। युवाओं की सक्रियता इस बात का संकेत है कि राष्ट्र का भविष्य सुरक्षित हाथों में है।
कार्यक्रम के अंत में सहमंत्री प्रतीक गढ़वाल ने सभी अतिथियों और कार्यकर्ताओं के प्रति आभार व्यक्त किया।
नगर कार्यकारिणी में नगर महाविद्यालय प्रमुख-जीत शर्मा, सह प्रमुख आदित्य-वेनुका, स्टूडेंट फॉर डेवलपमेंट प्रमुख- कुलदीप, सह प्रमुख-अंशराज भाटिया, स्टूडेंट्स फॉर सेवा प्रमुख- चैतन्य त्रिवेदी, राष्ट्रीय कला मंच प्रमुख- युक्ता मांडवी, सह प्रमुख- प्रिया, नगर विद्यालय प्रमुख- दिव्य द्विवेदी, सह प्रमुख- प्रतीक्षा वर्मा, सोशल मीडिया प्रमुख- यश श्रीवास्तव, सह प्रमुख- ओजस उइके को दायित्व सौंपे गये है।
पूरे आयोजन में कार्यकर्ताओं का अनुशासन, उत्साह और समर्पण अभाविप की सशक्त कार्यसंस्कृति का प्रतीक रहा।