खालसा पब्लिक स्कूल में छात्र से मारपीट, चार महीने बाद दर्ज हुई एफआईआर

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डोंगरगढ़। खालसा पब्लिक स्कूल में सातवीं कक्षा के छात्र सार्थक सहारे से मारपीट कर उसकी सुनने की क्षमता प्रभावित करने के गंभीर मामले में आखिरकार चार महीने बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। परिजनों का आरोप है कि शिकायत दर्ज करने में प्रशासन ने अनावश्यक देरी की और मामला सामाजिक तथा राजनीतिक दबाव के बाद ही दर्ज हुआ। वहीं स्कूल प्रबंधन पर किसी भी कार्रवाई न होने से परिवार ने गहरी नाराज़गी जताई है।
मिसिया बड़ा वार्ड-9 निवासी सुधाकर सहारे ने बताया कि उनका 13 वर्षीय बेटा सार्थक 2 जुलाई 2025 को एसएसटी की कक्षा में बैठा था। क्लास टीचर नम्रता साहू ने बच्चों को किताब निकालने के लिए कहा।
शिकायत के अनुसार सार्थक से कुछ सेकंड की देरी हुई, जिस पर नाराज होकर नम्रता साहू ने बाहर से गुजर रहीं शिक्षिका प्रियंका सिंह से इसकी शिकायत कर दी।
आरोप है कि शिकायत सुनते ही प्रियंका सिंह ने पहले बच्चे का कान मरोड़ा और फिर दोनों हाथों से उसकी कनपटियों पर थप्पड़ मारे। इससे उसके कान की नसें क्षतिग्रस्त हो गईं और सुनने की क्षमता कम होने लगी। परिजन घटना के बाद से लगातार न्याय की मांग कर रहे थे।
घटना 2 जुलाई की है, पर 14 अगस्त को लिखित शिकायत देने के बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं की गई।
लगातार प्रयासों के बाद 17 नवंबर 2025 को पुलिस ने अंततः मामला दर्ज कर लिया। पुलिस ने शिक्षिका प्रियंका सिंह (मुख्य मारपीट आरोप) और नम्रता साहू (स्थिति उत्पन्न करने का आरोप) के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किया है।
परिजनों ने कहा कि इतने गंभीर आरोपों के बावजूद स्कूल प्रबंधन कमेटी पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
परिवार का कहना है कि यदि शुरुआत से ही मामले को गंभीरता से लिया जाताए तो बच्चे और परिवार को चार महीने की मानसिक पीड़ा नहीं झेलनी पड़ती।
मामला अब पुलिस विवेचना में है, जबकि परिजन स्कूल प्रबंधन पर कठोर कार्रवाई और छात्र को न्याय दिलाने की मांग पर अड़े हुए हैं।