बजरंग दल ने गौमाता के साथ दुष्कर्म और अनाचार करने वाले अपराधियों के खिलाफ पृथक से कड़े कानून बनाने की मांग

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राजनांदगांव। प्रदेश में गौमाता के साथ दुष्कर्म और अनाचार का मामला बढ रहा है। आये दिन ऐसे मामले हो रहे है, जो पूरे छत्तीसगढ़ को झकझोर देने वाले है।
इस पर छतीसगढ़ सरकार से अपनी मांगे रखते हुए बजरंग दल के संभाग सह-संयोजक सुनील सेन ने बताया कि छत्तीसगढ़ में गौ माताओं के साथ क्रूरता और जघन्य अपराध बढ़ते जा रहे है। कुछ दिनों पूर्व राजनांदगांव में भी एक शख्स असलम खान, उम्र 56 वर्ष द्वारा गौमाताओं से दुष्कर्म किया गया, जो शहर के सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हुआ, इस कृत्य का एफआईआर कोतवाली थाना राजनांदगांव में की गयी।
ऐसा ही दुष्कृत्य रायपुर में भी आलम नामक व्यक्ति द्वारा किया गया था। वहीं घुमका-गोपालपुर के एक शख्स नदीम खान उर्फ अब्दुल नाहिद और साहिल खान के द्वारा भी गौवंशों के साथ अनर्गल कृत्य करते वीडियो वायरल हुआ था, उन सभी पर मामला पंजीबद्ध कराया गया है, किन्तु आईपीसीबीएनएस हो या छत्तीसगढ़ पशु संरक्षण अधिनियम किसी मे भी इस अपराध के लिए कोई पृथक से धारा या कानून नहीं है, इसलिए विश्व हिन्दू परिषद बजरंग दल राजनांदगांव द्वारा जिला दंडाधिकारी के हाथों मुख्यमंत्री विष्णुदेव के नाम ज्ञापन सौंपकर गौ माता के साथ दुष्कर्म करने वाले अपराधों पर नयी धारा जोड़ी जाए, जिसमें सजा कम से कम 10 वर्ष का कठोर कारावास और 5 लाख तक के अर्थदंड से दंडित किया जाए, मांग की गई है। साथ ही गौ-माता के साथ अनाचार या क्रूरता करने वालों पर फॉस्ट-ट्रैक न्यायालय में तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। संबंधित अपराधों को गैर-जमानती श्रेणी में शामिल करने पर विचार किया जाए।
गांवों, नगरों और गौशालाओं में निगरानी, सीसीटीवी व्यवस्था एवं त्वरित शिकायत प्रणाली उपलब्ध कराई जाए। पशु सुरक्षा से जुड़े अधिकारियों को ऐसे मामलों में तत्काल एफआईआर एवं गिरफ्तारी के निर्देश जारी किए जाएं।
अधिकांश मामलों में देखा गया है कि एक धर्म विशेष के व्यक्तियों द्वारा ही यह कृत्य किया जाता है, इससे उनकी मानसिकता स्पष्ट दिखती है के गौमाता के साथ ऐसा अनाचार हिन्दू समाज को अपमानित करने का बार-बार प्रयास हो रहा है।
वर्तमान समय में गौ-माता के साथ अनाचार, क्रूरता, दुर्व्यवहार तथा अनैतिक कार्यों की घटनाएं समय-समय पर सामने आती रहती हैं। यह न केवल हमारी संस्कृति, धर्म और सामाजिक मूल्यों के विरुद्ध है, बल्कि पशु क्रूरता निवारण अधिनियम तथा संबंधित दंडात्मक प्रावधानों का गंभीर उल्लंघन भी है।
अतः वर्तमान सरकार से विनम्र अनुरोध है कि ऐसे जघन्य कृत्यों पर कठोरतम दंड का स्पष्ट कानूनी प्रावधान किया जाए।