ED का बड़ा खुलासा: छत्तीसगढ़ में ₹2883 करोड़ का शराब घोटाला, अफसर–नेता–निजी कारोबारी घेरे में

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रायपुर। (नांदगांव टाइम्स) प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छत्तीसगढ़ में सामने आए बहुचर्चित शराब घोटाले में बड़ा खुलासा करते हुए ₹2883 करोड़ के अवैध लेन-देन का पर्दाफाश किया है। ED ने 26 दिसंबर 2025 को आबकारी विभाग से जुड़े इस भ्रष्टाचार मामले में एक और पूरक अभियोजन शिकायत दाखिल की है। जांच में वर्ष 2019 से 2023 के बीच राज्य सरकार को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाने वाली संगठित आपराधिक साजिश का खुलासा हुआ है।

ED के अनुसार, यह पूरा घोटाला एक संगठित सिंडिकेट द्वारा संचालित किया जा रहा था, जिसमें वरिष्ठ नौकरशाह, राजनीतिक पदाधिकारी और निजी शराब कारोबारी शामिल थे। जांच में यह सामने आया है कि राज्य की शराब नीति का दुरुपयोग कर अवैध कमीशन, बेहिसाब शराब बिक्री और लाइसेंस के नाम पर जबरन वसूली की गई।

चार हिस्सों में चला अवैध खेल

जांच एजेंसी ने अवैध कमाई के चार प्रमुख तरीकों को उजागर किया है।पहले चरण में शराब सप्लायर्स से अवैध कमीशन वसूला गया, जिसे राज्य द्वारा तय की गई ‘लैंडिंग प्राइस’ बढ़ाकर सरकारी खजाने से ही पूरा कराया गया।

दूसरे चरण में सरकारी दुकानों के जरिए नकली होलोग्राम और बोतलों के माध्यम से देशी शराब की ‘ऑफ द बुक’ बिक्री कर टैक्स चोरी की गई।

तीसरे चरण में डिस्टिलरी संचालकों से बाजार हिस्सेदारी बनाए रखने के नाम पर सालाना कमीशन लिया गया।चौथे चरण में FL-10A लाइसेंस की नई श्रेणी शुरू कर विदेशी शराब निर्माताओं से 60 प्रतिशत तक अवैध वसूली की गई।

81 आरोपी, बड़े नाम शामिल

ED द्वारा दाखिल ताजा अभियोजन शिकायत में 59 नए आरोपियों को नामजद किया गया है, जिससे कुल आरोपियों की संख्या 81 हो गई है। इनमें पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, तत्कालीन आबकारी आयुक्त निरंजन दास, आईटीएस अधिकारी अरुण पति त्रिपाठी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। वहीं, पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, मुख्यमंत्री के पुत्र चैतन्य बघेल और मुख्यमंत्री कार्यालय के उप सचिव सौम्या चौरसिया की भूमिका भी जांच के दायरे में बताई गई है।

निजी कंपनियों की भूमिका

जांच में कई निजी शराब कंपनियों और कारोबारियों की संलिप्तता भी सामने आई है। अनवर ढेबर और उनके सहयोगी अरविंद सिंह के साथ-साथ छत्तीसगढ़ डिस्टिलरीज लिमिटेड, एमएस भाटिया वाइन मर्चेंट्स और वेलकम डिस्टिलरीज पर भी गंभीर आरोप लगे हैं।

गिरफ्तारी और संपत्ति जब्ती

अब तक मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत नौ प्रमुख आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। ED ने ₹382.32 करोड़ की चल-अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है, जिसमें रायपुर स्थित होटल वेनिंगटन कोर्ट समेत 1,041 से अधिक संपत्तियां शामिल हैं।

ED का कहना है कि जांच अभी जारी है और आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।